राजस्थान में मेडिकल नशे पर डिजिटल निगरानी अब एक-एक गोली का रहेगा रिकॉर्ड
राजस्थान में मेडिकल नशे पर डिजिटल निगरानी
अब एक-एक गोली का रहेगा रिकॉर्ड
राजस्थान में बढ़ते मेडिकल नशे और नशीली दवाओं के दुरुपयोग पर लगाम लगाने के लिए राज्य सरकार ने एक बड़ा और अहम कदम उठाया है। अब नशीली दवाओं की बिक्री और उपयोग पर डिजिटल निगरानी प्रणाली लागू की जा रही है, जिसके तहत एक-एक गोली का रिकॉर्ड रखा जाएगा।
यह व्यवस्था खासतौर पर उन दवाओं पर लागू होगी, जिनका गलत इस्तेमाल नशे के रूप में किया जा रहा है और जिन्हें बिना डॉक्टर की पर्ची के बेचना कानूनन अपराध है।
मेडिकल नशा क्यों बना बड़ी समस्या?
पिछले कुछ वर्षों में यह देखा गया है कि कई दर्द निवारक, नींद की गोलियां और मानसिक रोगों में इस्तेमाल होने वाली दवाएं नशे के रूप में ली जा रही हैं।
इन दवाओं का सबसे ज्यादा असर युवाओं पर देखने को मिल रहा है।
मुख्य कारण:
- बिना डॉक्टर की पर्ची के दवाओं की आसान उपलब्धता
- मेडिकल स्टोर्स पर ढीली निगरानी
- बार-बार और अधिक मात्रा में दवा खरीदना
- कुछ मामलों में गलत तरीके से दवाएं लिखी जाना
क्या है नई डिजिटल निगरानी व्यवस्था?
राजस्थान सरकार द्वारा लाई जा रही इस नई व्यवस्था में तकनीक के माध्यम से मेडिकल नशे पर नियंत्रण किया जाएगा।
इस सिस्टम की खास बातें:
- ✅ एक-एक गोली का डिजिटल रिकॉर्ड
- ✅ दवा निर्माता से लेकर मरीज तक पूरी ट्रैकिंग
- ✅ बिना पर्ची बिक्री पर तुरंत कार्रवाई
- ✅ बार-बार दवा लेने वाले मरीजों की पहचान
- ✅ नियम तोड़ने वाले मेडिकल स्टोर्स पर सख्ती
कैसे काम करेगा यह सिस्टम?
इस डिजिटल सिस्टम में दवा की पूरी यात्रा रिकॉर्ड होगी:
दवा निर्माता ➝ डिस्ट्रीब्यूटर ➝ मेडिकल स्टोर ➝ मरीज
हर स्तर पर डिजिटल एंट्री की जाएगी, जिससे यह साफ पता चलेगा कि:
- कौन-सी दवा कब और कितनी मात्रा में बनी
- किस डिस्ट्रीब्यूटर को सप्लाई हुई
- किस मेडिकल स्टोर ने कितनी दवा बेची
- दवा किस मरीज को दी गई
मेडिकल स्टोर्स के लिए क्या होगा अनिवार्य?
नई व्यवस्था के तहत मेडिकल स्टोर को:
- ✔️ दवा का बिल काटना अनिवार्य
- ✔️ मरीज का मोबाइल नंबर दर्ज करना
- ✔️ डॉक्टर की पर्ची अपलोड करना
- ✔️ हर बिक्री का डिजिटल रिकॉर्ड रखना
यदि बिना बिल या बिना पर्ची दवा बेची गई तो तुरंत कार्रवाई की जाएगी।
किन लोगों पर रहेगी खास नजर?
इस सिस्टम के लागू होने के बाद:
- 🔴 बार-बार नशीली दवा लेने वाले मरीज
- 🔴 जरूरत से ज्यादा दवा लिखने वाले डॉक्टर
- 🔴 नियमों का उल्लंघन करने वाले मेडिकल स्टोर
सभी डिजिटल निगरानी के दायरे में आ जाएंगे।
सरकार का उद्देश्य क्या है?
राज्य सरकार का साफ उद्देश्य है कि:
- मेडिकल नशे पर प्रभावी रोक लगे
- युवाओं को नशे की लत से बचाया जाए
- दवाओं का इस्तेमाल सिर्फ इलाज तक सीमित रहे
- स्वास्थ्य व्यवस्था में पारदर्शिता आए
क्या यह सिस्टम सफल होगा?
यह व्यवस्था कागज़ी नहीं बल्कि डिजिटल और रियल-टाइम मॉनिटरिंग पर आधारित है।
यदि इसे सख्ती और ईमानदारी से लागू किया गया, तो मेडिकल नशे पर बड़ी हद तक लगाम लग सकती है।
हालांकि इसकी सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि:
- निगरानी कितनी प्रभावी रहती है
- नियम तोड़ने वालों पर कितनी सख्त कार्रवाई होती है
निष्कर्ष
राजस्थान में मेडिकल नशे पर डिजिटल निगरानी एक साहसिक और जरूरी कदम है।
यह व्यवस्था न केवल अवैध दवा बिक्री रोकेगी, बल्कि समाज और युवाओं को नशे की गिरफ्त से बचाने में भी अहम भूमिका निभा सकती है।
✍️ ARJUN HANSALIYA

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