11 लाख की रिश्वत लेते डॉक्टर गिरफ्तार



11 लाख की रिश्वत लेते डॉक्टर गिरफ्तार

आयुष्मान भारत योजना में भ्रष्टाचार का बड़ा खुलासा

राजस्थान में आयुष्मान भारत योजना से जुड़े भ्रष्टाचार का एक गंभीर मामला सामने आया है। भीलवाड़ा जिले में एक डॉक्टर को 11 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है। यह कार्रवाई एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) द्वारा की गई, जिसने लंबे समय से चल रही शिकायत की जांच के बाद जाल बिछाकर आरोपी को पकड़ा।

यह मामला न केवल सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि गरीबों और जरूरतमंदों के इलाज के नाम पर किस तरह पैसों की मांग की जा रही थी।


क्या है पूरा मामला?

जानकारी के अनुसार, आरोपी डॉक्टर पर आरोप है कि उसने एक निजी अस्पताल से आयुष्मान भारत योजना के तहत बिल पास कराने के बदले में रिश्वत मांगी थी।

  • शुरुआत में डॉक्टर ने 14 लाख रुपये की मांग की
  • रकम नहीं देने पर योजना बंद कराने की धमकी दी गई
  • बाद में सौदा 11 लाख रुपये में तय हुआ

अस्पताल प्रबंधन लगातार दबाव और धमकियों से परेशान था, जिसके बाद उन्होंने ACB से शिकायत करने का फैसला किया।


ACB की कार्रवाई कैसे हुई?

शिकायत की पुष्टि के बाद ACB ने पूरा प्लान तैयार किया।
सोमवार शाम को जैसे ही आरोपी डॉक्टर को 11 लाख रुपये की रिश्वत दी गई, ACB टीम ने इशारा मिलते ही कार्रवाई करते हुए उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।

गिरफ्तारी के दौरान:

  • रिश्वत की रकम बरामद की गई
  • पूछताछ के लिए डॉक्टर को हिरासत में लिया गया
  • मामले से जुड़े अन्य लोगों की भूमिका की भी जांच शुरू कर दी गई

आयुष्मान भारत योजना पर उठते सवाल

आयुष्मान भारत योजना का उद्देश्य गरीब और जरूरतमंद लोगों को मुफ्त और बेहतर इलाज उपलब्ध कराना है। लेकिन इस तरह के मामलों से यह सवाल उठता है कि:

  • क्या योजनाओं का लाभ सही लोगों तक पहुंच रहा है?
  • क्या सिस्टम में भ्रष्टाचार के लिए पर्याप्त जगह बची हुई है?
  • क्या ऐसे मामलों पर सख्त और तेज कार्रवाई होनी चाहिए?

विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक सख्त निगरानी और पारदर्शिता नहीं लाई जाएगी, तब तक ऐसी घटनाएं सामने आती रहेंगी।


जांच का दायरा बढ़ा

ACB सूत्रों के अनुसार:

  • मामले में अन्य अधिकारियों या कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है
  • यह पता लगाया जा रहा है कि कहीं यह एक नेटवर्क तो नहीं
  • पहले भी इसी तरह की रिश्वत ली गई या नहीं, इसकी भी पड़ताल की जा रही है

यदि जांच में और सबूत मिलते हैं, तो आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां संभव हैं।


जनता और सिस्टम के लिए क्या संदेश?

यह कार्रवाई एक स्पष्ट संदेश देती है कि:

  • भ्रष्टाचार करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा
  • सरकारी योजनाओं में गड़बड़ी करने पर कड़ी कार्रवाई होगी
  • शिकायत करने वालों की पहचान गोपनीय रखी जाती है

साथ ही यह आम लोगों को भी जागरूक करती है कि अगर कहीं रिश्वत मांगी जाए, तो डरने के बजाय संबंधित एजेंसियों से शिकायत करें।


निष्कर्ष

11 लाख की रिश्वत लेते डॉक्टर की गिरफ्तारी राजस्थान में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक अहम कदम है।
अगर ऐसी कार्रवाइयों को लगातार और निष्पक्ष तरीके से अंजाम दिया गया, तो सरकारी योजनाओं में जनता का भरोसा और मजबूत होगा।

भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में कानून, प्रशासन और जनता—तीनों की भूमिका अहम है।


✍️ ARJUN HANSALIYA



टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

राजस्थान भर्ती प्रक्रिया — बड़ी अपडेट! 📢 1.53 लाख पदों पर भर्ती प्रक्रिया जारी, अब तक 92,000 नियुक्तियाँ।

राजस्थान में रोजगार का विस्तार — 90,000 से अधिक सरकारी नौकरियाँ प्रदान, 20,000 नई भर्तियाँ जल्द

🟦 राजस्थान नर्सिंग कैडर की बड़ी मांगें — बजट 2026-27 में क्या शामिल होना चाहिए?