झालावाड़: बोनस + मेरिट के आधार पर भर्ती शीघ्र जारी करने की मांग को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा गया
देश में स्वास्थ्य अवसंरचना के विस्तार के साथ-साथ नर्सिंग मैनपावर को मजबूत करने पर केंद्र सरकार विशेष ध्यान दे रही है। नए मेडिकल कॉलेजों और उनसे संबद्ध शिक्षण अस्पतालों में पर्याप्त नर्सिंग स्टाफ की उपलब्धता अनिवार्य की गई है।
भारत में किसी भी नए मेडिकल कॉलेज को अनुमति National Medical Commission (NMC) द्वारा निर्धारित Minimum Requirements Regulations के अंतर्गत ही दी जाती है।
इन नियमों के अनुसार:
यदि निर्धारित नर्सिंग स्टाफ उपलब्ध नहीं है तो:
❌ MBBS सीटों की अनुमति नहीं दी जाती
❌ मेडिकल कॉलेज की मान्यता रोकी जा सकती है
निष्कर्ष: हर नया मेडिकल कॉलेज अपने साथ नए नर्सिंग पदों की आवश्यकता पैदा करता है।
Official Source (NMC):
https://www.nmc.org.in
Ministry of Health & Family Welfare द्वारा जारी Indian Public Health Standards (IPHS – Revised Guidelines 2022) में सरकारी अस्पतालों के लिए नर्सिंग स्टाफ को अनिवार्य मानव संसाधन माना गया है।
IPHS के अनुसार:
इन सभी में बेड संख्या के अनुपात में न्यूनतम नर्सिंग स्टाफ होना अनिवार्य है।
अस्पताल का स्तर या बेड क्षमता बढ़ने पर नर्सिंग पदों की संख्या बढ़ना अनिवार्य हो जाता है।
Official Source (IPHS 2022):
https://nhm.gov.in
केंद्र सरकार की योजनाएँ जैसे:
इन सभी योजनाओं में अस्पताल संचालन के लिए 24×7 नर्सिंग स्टाफ की अनिवार्यता मानी गई है।
इस कारण नर्सिंग पदों का सृजन किसी अनुमान पर नहीं बल्कि नियम, मानक और गाइडलाइन आधारित आवश्यकता है।
Official Source (MoHFW):
https://www.mohfw.gov.in
नए मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में नर्सिंग पदों का सृजन किसी घोषणा या अफवाह पर नहीं, बल्कि NMC Regulations, IPHS Guidelines (2022) और केंद्र सरकार की स्वास्थ्य नीतियों पर आधारित बाध्यता है।
यह जानकारी केवल आधिकारिक सरकारी नियमों व दस्तावेज़ों पर आधारित है।
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