झालावाड़: बोनस + मेरिट के आधार पर भर्ती शीघ्र जारी करने की मांग को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा गया

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बोनस + मेरिट के आधार पर भर्ती शीघ्र जारी करने की मांग को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री को सौंपा गया ज्ञापन झालावाड़ (राजस्थान): जिले में कार्यरत संविदा नर्सिंग कर्मियों द्वारा नर्सिंग ऑफिसर एवं एएनएम पदों पर भर्ती प्रक्रिया से संबंधित मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा गया। संविदा नर्सिंग कर्मियों का कहना है कि वे लंबे समय से अल्प वेतन पर स्वास्थ्य सेवाओं में कार्यरत हैं तथा आगामी भर्ती प्रक्रिया में उनके अनुभव को बोनस + मेरिट के आधार पर उचित महत्व दिया जाना चाहिए। इसी मांग को लेकर संविदा नर्सिंग कर्मियों ने पूर्व मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपते हुए भर्ती प्रक्रिया को शीघ्र जारी करने की अपील की। इस दौरान सभी कर्मियों ने शांतिपूर्ण एवं अनुशासित तरीके से अपनी बात रखी। प्रमुख बिंदु: नर्सिंग ऑफिसर एवं ANM पदों पर भर्ती से जुड़ा विषय बोनस + मेरिट के आधार पर भर्ती प्रक्रिया की मांग संविदा नर्सिंग कर्मियों द्वारा ज्ञापन सौंपा गया नर्सेज भर्ती संघर्ष समिति जिला संयोजक: फिरोज खान, झालावाड़ जानकारी एवं प्रस्तुति: Arjun Hansaliya 📌 नोट: यह समाचार केवल सूचनात्मक एवं शैक्षणिक उद्देश्...

नर्सिंग मैनपावर पर केंद्र का फोकस

🔴 नर्सिंग मैनपावर पर केंद्र सरकार का फोकस

नए मेडिकल कॉलेज → नए अस्पताल → नर्सिंग पद अनिवार्य

देश में स्वास्थ्य अवसंरचना के विस्तार के साथ-साथ नर्सिंग मैनपावर को मजबूत करने पर केंद्र सरकार विशेष ध्यान दे रही है। नए मेडिकल कॉलेजों और उनसे संबद्ध शिक्षण अस्पतालों में पर्याप्त नर्सिंग स्टाफ की उपलब्धता अनिवार्य की गई है।


📌 1. मेडिकल कॉलेजों में नर्सिंग स्टाफ क्यों अनिवार्य है?

भारत में किसी भी नए मेडिकल कॉलेज को अनुमति National Medical Commission (NMC) द्वारा निर्धारित Minimum Requirements Regulations के अंतर्गत ही दी जाती है।

इन नियमों के अनुसार:

  • मेडिकल कॉलेज से संबद्ध Teaching Hospital में
  • Staff Nurse, Nursing Supervisor एवं वार्ड/ICU/OT हेतु नर्सिंग स्टाफ
  • Bed strength के अनुसार अनिवार्य मानव संसाधन (HRH)

यदि निर्धारित नर्सिंग स्टाफ उपलब्ध नहीं है तो:
❌ MBBS सीटों की अनुमति नहीं दी जाती
❌ मेडिकल कॉलेज की मान्यता रोकी जा सकती है

निष्कर्ष: हर नया मेडिकल कॉलेज अपने साथ नए नर्सिंग पदों की आवश्यकता पैदा करता है।

Official Source (NMC):
https://www.nmc.org.in


📌 2. सरकारी अस्पतालों के लिए IPHS (नर्सिंग स्टाफ मानक)

Ministry of Health & Family Welfare द्वारा जारी Indian Public Health Standards (IPHS – Revised Guidelines 2022) में सरकारी अस्पतालों के लिए नर्सिंग स्टाफ को अनिवार्य मानव संसाधन माना गया है।

IPHS के अनुसार:

  • जिला अस्पताल
  • उप जिला अस्पताल
  • सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC)

इन सभी में बेड संख्या के अनुपात में न्यूनतम नर्सिंग स्टाफ होना अनिवार्य है।

अस्पताल का स्तर या बेड क्षमता बढ़ने पर नर्सिंग पदों की संख्या बढ़ना अनिवार्य हो जाता है।

Official Source (IPHS 2022):
https://nhm.gov.in


📌 3. नए मेडिकल कॉलेज और स्वास्थ्य योजनाएँ

केंद्र सरकार की योजनाएँ जैसे:

  • नए सरकारी मेडिकल कॉलेज
  • जिला अस्पतालों का मेडिकल कॉलेज में अपग्रेडेशन
  • PM–ABHIM (Health Infrastructure Mission)

इन सभी योजनाओं में अस्पताल संचालन के लिए 24×7 नर्सिंग स्टाफ की अनिवार्यता मानी गई है।

इस कारण नर्सिंग पदों का सृजन किसी अनुमान पर नहीं बल्कि नियम, मानक और गाइडलाइन आधारित आवश्यकता है।

Official Source (MoHFW):
https://www.mohfw.gov.in


✅ निष्कर्ष

नए मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में नर्सिंग पदों का सृजन किसी घोषणा या अफवाह पर नहीं, बल्कि NMC Regulations, IPHS Guidelines (2022) और केंद्र सरकार की स्वास्थ्य नीतियों पर आधारित बाध्यता है।

यह जानकारी केवल आधिकारिक सरकारी नियमों व दस्तावेज़ों पर आधारित है।

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