राजस्थान नर्सेज यूनियन ने उठाई नर्सिंग निदेशालय की मांग

 

राजस्थान नर्सेज यूनियन ने उठाई नर्सिंग निदेशालय की मांग

मुख्यमंत्री को सौंपा 5 सूत्रीय मांग पत्र, 15,000 पदों पर भर्ती घोषणा पर जताया आभार


राजस्थान में नर्सिंग संवर्ग से जुड़ी वर्षों पुरानी समस्याओं को लेकर राजस्थान नर्सेज यूनियन (RNU), भीलवाड़ा द्वारा एक अहम पहल की गई है।

नर्सिंग संवर्ग के स्थायी समाधान, सम्मानजनक कैरियर पथ और बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की मांग को लेकर यूनियन ने राज्य सरकार के समक्ष अपनी बात मजबूती से रखी।


📍 माण्डलगढ़ में मुख्यमंत्री को सौंपा गया मांग पत्र

राजस्थान नर्सेज यूनियन, महात्मा गांधी चिकित्सालय भीलवाड़ा के जिलाध्यक्ष लक्की ब्यावट के नेतृत्व में माण्डलगढ़ में राजस्थान के माननीय मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा एवं उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा को नर्सेज की 5 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा गया।

इस अवसर पर चिकित्सा विभाग में 15,000 से अधिक पदों पर आगामी भर्ती की घोषणा के लिए राज्य सरकार का आभार व्यक्त किया गया।


🧾 नर्सेज की प्रमुख 5 सूत्रीय मांगें

ग्रामीण जिलाध्यक्ष अमित व्यास ने जानकारी देते हुए बताया कि यूनियन द्वारा निम्नलिखित प्रमुख मांगें रखी गईं —

  • नर्सिंग निदेशालय की स्थापना — नर्सिंग संवर्ग के लिए अलग निदेशालय स्थापित किया जाए।
  • आगामी नर्स भर्ती 10–20–30 बोनस अंक के आधार पर की जाए।
  • नर्सेज को दवा लिखने का अधिकार दिया जाए।
  • नर्सिंग कैडर में समयबद्ध पदोन्नति (DPC / DACP) सुनिश्चित की जाए।
  • भीलवाड़ा के सबसे बड़े चिकित्सालय में 400 नर्सिंग पदों पर शीघ्र भर्ती की जाए।

📌 मुख्यमंत्री तक कैसे पहुँचा मांग पत्र?

मेडिकल कॉलेज अध्यक्ष श्री निरंजन चम्पावत ने बताया कि यह मांग पत्र माण्डलगढ़ विधायक श्री गोपाल खंडेलवाल एवं श्री मुकेश खंडेलवाल के माध्यम से मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार के निवास पर जाकर प्रेषित किया गया


👥 कार्यक्रम में उपस्थित पदाधिकारी

इस अवसर पर राजस्थान नर्सेज यूनियन के अनेक पदाधिकारी एवं सीनियर नर्सिंग अधिकारी उपस्थित रहे —

जिला उपाध्यक्ष करण सिंह सिसोदिया, दिनेश खटीक, कार्यकारी अध्यक्ष ललित जीनगर, कोषाध्यक्ष अंकित काबरा, प्रवक्ता गिरिराज लड्ढा, उपाध्यक्ष कुलदीप आर्य, सीनियर नर्सिंग ऑफिसर जयप्रकाश एवं विनोद सोनी सहित अन्य नर्सिंग साथी।


🏥 नर्सिंग निदेशालय क्यों जरूरी?

  • नर्सिंग संवर्ग में पदोन्नति की भारी असमानता
  • कई नर्सेज़ 30–35 वर्ष की सेवा के बाद भी एक ही पद पर सेवानिवृत्त
  • अन्य संवर्गों की तुलना में नर्सिंग कैडर का कैरियर पथ सीमित

नर्सिंग निदेशालय + समयबद्ध DPC/DACP ही इस समस्या का स्थायी समाधान है।


✊ निष्कर्ष

यह मांग किसी एक वर्ग के लिए नहीं, बल्कि पूरे नर्सिंग संवर्ग और सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने के लिए है।

बिना सशक्त नर्सिंग के मजबूत स्वास्थ्य व्यवस्था संभव नहीं।

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