AI के दौर में भी विभागीय प्रणाली की धीमी रफ्तार — बड़ा सवाल !
दुनिया AI, ऑटोमेशन और डिजिटल गवर्नेंस के युग में प्रवेश कर चुकी है।
जहाँ डेटा सेकंडों में अपडेट हो सकता है,
वहीं विभागीय सिस्टम अभी भी पुराने मैन्युअल प्रक्रियाओं में उलझा हुआ है।
हाल ही में जारी आदेश में उल्लेख किया गया है कि
28 अक्टूबर से रेडियोग्राफर तथा लैब तकनीशियन पदों का डेटा लंबित है।
और संबंधित संस्थानों से अब भी मैन्युअल Excel शीट ईमेल से भेजने को कहा जा रहा है।
यह स्थिति कई सवाल उठाती है—
जब राज्य में डिजिटल गवर्नेंस और e-Office लागू है,
जब डेटा रियल-टाइम अपडेट होना चाहिए,
जब तकनीक हर स्तर पर आसान समाधान दे रही है,
तो फिर साधारण आंकड़ा भेजने में महीनों की देरी क्यों?
यह केवल देरी नहीं—
👉 यह विभागीय दक्षता और पारदर्शिता पर गंभीर प्रश्न है।
सच्चा सुधार नीतियों से नहीं,
बल्कि कार्यप्रणाली में आधुनिकता लाने से होगा।

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